Description
पुर्तगालियों के आगमन—भारत में आने वाले प्रथम यूरोपियन जिन्होंने भारत में अपने शक्ति केंद्र स्थापित किए—ने इस विशाल भू-भाग की कोलाहलपूर्ण स्थिति को उजागर किया। यद्यपि शक्तिशाली मुगलों ने अपने साम्राज्य का निर्माण एवं विस्तार किया, तथापि वे कभी भी समुद्री प्रभुत्व हासिल नहीं कर सके। दूसरी ओर, यूरोपियों ने उपनिवेशी साम्राज्य का निर्माण अपनी नौसेना (समुद्री शक्ति) के बल पर किया।
यह पुस्तक यूरोपियों के आगमन और भारत पर ब्रिटिश शासन के क्रमिक प्रभुत्व से लेकर उपनिवेशी शासन से भारत की स्वतंत्रता तक की अशांत अवधि की समीक्षा करती है।
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